पैगम्बर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) जीवन परिचय | Life Story of Paigambar Muhammad in Hindi
पैगम्बर मोहम्मद को पूरी दुनिया धर्म के इस्लामिक स्वरुप को लोगों तक पहुंचाने वाले प्रवर्तक के रूप में स्मरित करती है|
- अन्य नाम - मुस्तफा, अहमद, हमीद
- जन्म - मुह़म्मद इब्न अ़ब्दुल्लाह अल हाशिम 570 मक्का (शहर), मक्का प्रदेश, अरब (अब सऊदी अरब)
- पिता - अब्दुल्लह इब्न अब्दुल मुत्तलिब
- माता - आमिना बिन्त वहब
- पत्नी - खदीजा बिन्त खुयलाद (595-619), सोदा बिन्त ज़मआ (619 -632), आयशा बिन्त अबी बक्र (619 -632), हफ्सा बिन्त उमर (624-632), ज़ैनब बिन्त खुज़ैमा (625-627), हिंद बिन्त अवि उमय्या (629 -632), ज़ैनब बिन्त जहाश (627-632), जुवय्रिआ बिन्त अल-हरिथ (628-632), राम्लाह बिन्त अवि सुफ्या (628-632), रयहना बिन्त जयद (629 -631), सफिया बिन्त हुयाई (629 -632), म्यूमा बिन्त अल-हरिथ (630-632), मरिया अल-क़ीबत्तिया (630-632)
- बच्चे- बेटे: अल-क़ासिम, `अब्द-अल्लाह, इब्राहिम, बेटियाँ: जैनाब, रुक़य्याह, उम्कु ल्थूम, फ़ातिमः ज़हरा
- अंतिम स्थान- मस्जिद ए नबवी, मदीना,
- स्मारक समाधि- मस्जिद ए नबवी, मदीना, हिजाज़, सऊदी अरब
- अन्य नाम- मुस्तफा, अहमद, हमीद
- प्रसिद्धि कारण - इस्लाम के पैगंबर
- धार्मिक मान्यता- इस्लाम
प्रारंभिक जीवन
via : पैगम्बर मोहम्मद यानि हज़रत मोहम्मद "मोहम्मदइब्न अब्दुल्लाह इब्न अब्दुल मुतल्लिब" का जन्म 8 जून 570 ईस्वी पिता अब्दुल्लाह इब्न अब्दुल मुतल्लिब माता अमीना बिन्त वहब के घर मक्का शहर (वर्तमान सऊदी अरब) में हुआ था, इन्हे इस्लाम के सबसे महान नबी और आखिरी संदेशवाहक के रूप में देखा जाता है| मोहम्मद साहब का अरबी भाषा में नाम था "मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम" ये इस्लाम के वही पैगम्बर हैं जिसको अल्लाह ने फ़रिश्ते "जिब्राईल" द्वारा कुरान का संदेश दिया गया था| मुसलमानो में पैगबर मोहम्मद को आदर के भाव से देखा जाता है|
पैगम्बर साहब को पूरी दुनिया में उनके अन्य नामों "मोहम्मद, मुस्तफा, अहमद, हामिद" के बदौलत भी भरपूर पहचान मिली| इनके नाम मोहम्मद का अर्थ है " जिसकी अत्यंत प्रशंसा की गयी हो" अपने नाम को सार्थकता प्रदान करते हुए मोहम्मद साहब की सशक्त आत्मा ने सुने रेगिस्तान में एक नए संसार का निर्माण किया और उनके निर्माण ने एक नए जीवन का, एक नई संस्कृति का और नई सभ्यता का उद्भव किया| आप ने इस्लाम के रूप में एक ऐसे राज्य की स्थापना की जो मारकस से लेकर इंडीज तक फैली, उनके इस्लामीकरण की इस भावना के चलते संसार के सभी महाद्वीप, यूरोप, अफ्रीका, एशिया भी प्रभावित हुए|
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मोहम्मद शब्द इस्लाम के पवित्र धार्मिक पुस्तक "कुरान" चार जगह वर्णित हुआ है| इस्लाम की इस पवित्र पुरतक ने मोहम्मद का जिक्र ईश्वर दूत, ईश्वर दास, ऐलान करने वाला, गवाह, सुव्रता सुननेवाला, तेजस्वी और कांति देनेवाले रूप में आया है| कुरान के सूरा, अहजाब मोहम्मद को ही आखरी नबी, ख़ातिमून नबी, अंतिम प्रवक्ता या प्रेसित के नाम से सम्बोधित किया गया है|
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622 ईस्वी में मोहम्मद साहब को अपने अनुनायिओं के साथ अपने जन्म स्थल मक्का से मदीना के लिए जाना पड़ा| उनकी ये यात्रा "हिज़रत" के नाम से जानी जाती है और इसी तिथि से इस्लामी कैलेंडर की शुरआत भी होती है जिसे "हिज़री" कहा जाता है| मोहम्मद साहब जब मक्का में हुए विरोध के कारण मदीना गए तो मदीना के लोग आपसी वैमनस्य में उलझे हुए थे ऐसे में मदीना के लोगों में दिए गए अपने शांत संदेशों के जरिये उन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल कर ली|
सन 630 ईस्वी में अपने अनुयायियों के साथ मिलकर मक्का पर चढाई कर दी| मक्का वालों ने हथियार डाल दिए और मक्का मुस्लिमों के अधीन आ गया और मक्का की काबा को इस्लाम का पवित्र स्थल घोषित कर दिया गया|
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इस्लाम के इस महान पैगम्बर का 632 ईस्वी में देहांत हो गया लेकिन तब तक पुरे अरब का इस्लामीकरण हो चूका था| मोहम्मद साहब ने सार्वभौमिक भाईचारे और मानवता की समानता के सिद्धांत का सन्देश पूरी दुनिया को दिया जिसके मार्ग आज वर्तमान में इस्लाम चलता है|
पैगम्बर मोहम्मद का संछिप्त जीवन परिचय | Life Story of Paigambar Muhammad in Hindi
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